अगर भारत के युवाओं से ये पूछा जाए, कि आप क्या बनना चाहते हो तो अधिकतर का जवाब ये ही होगा कि मैं एक डॉक्टर, इंजीनियर या एक अच्छा बिजनेस मैन बनना चाहता हूँ। जब इनसे पूछा जाये कि तुम डॉक्टर या बिजनेस मैन ही क्यों बनना चाहते हो तो उनका जवाब होगा कि मैं जनता की सेवा करना चाहता हूँ। देश के विकास मे योगदान देना चाहता हुं। लेकिन मैं इनकी बातों से सहमत नही हूँ। मै ये सोच कर परेशान हूँ, क्या लोग देश की सेवा एक अच्छा राजनेता बनके नही कर सकते है। मेरा हमेशा से ये ही प्रश्न रहा है कि एक युवा भारतीय डॉक्टर क्यों बनना चाहता है राजनेता क्यों नही।
आज देश का हर नागरिक जानता है कि हमारे भारत देश कि राजनीति बहुत गंदी हो चुकी हैं, लेकिन इस गंदी राजनीति को सुधारने के लिए कोई कदम नही उठाना चाहता। अगर आप कहते है कि हमारे देश की राजनीति गंदी है तो आपको ये कहने का कोई हक नही क्योंकि आपको पता होना चाहिए कि देश की राजनीति को गंदी करने के लिए ज़िम्मेदार भी हम ही हैं,और कोई नहीं। आज स्कुलों में बच्चों को एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर, एक बिजनेसमैन बनने की शिक्षा दी जाती है, एक राजनेता बनने की क्यों नही। अगर हमे अपने देश की राजनीति सुधारनी है, तो आज हमारे देश में 70 फीसदी लोग 35 वर्ष से कम उम्र के है। ये आबादी बहुत कुछ कर सकती है अगर इन्हे सही गाईडेंन्स मिले तो क्योंकि यह युवा पीढ़ी पुराने आग्रहों और रूढि़यों से मुक्त है। यह आबादी सूचना क्रांति और ग्लोबलाइजेशन के दौर में पैदा हुई है, इसलिए इनकी सोच का अलग है। यह पीढ़ी पॉलिटिक्स और लीडरशिप के बारे में पुरानी पीढ़ी की राय थी उनसे अलग राय रखती है। ये आबादी बूढें हो चुके लालकृष्ण आडवाणी जैसे भेड़ियों की बजाय जवान शेर राहुल गांधी से कुछ ज्यादा उपेक्षा रखती है।
भारत देश के विकास का सबसे शक्तिशाली साधन एक युवा है।...भारतीय राजनीति की विंडबना है कि उच्च पदों की चढ़ाई एवरेस्ट की चढ़ाई करने जैसा है। जब तक चोटी के नजदीक पहुँचते हैं शरीर जर्जर हो जाता है। जब वर्तमान समय में हमारे देश की सत्तर प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम की है तो हमारे देश को एक युवा राष्ट्र की संज्ञा दी जा रही है।
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